महामारी रोग अधिनियम के तहत सरकार को यह अधिकार है कि यदि आवश्यक हो तो किसी भी चूककर्ता अस्पताल को अपने नियंत्रण में ले सकता है।
कोई भी व्यक्ति 104 हेल्पलाइन और डीसी कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकता है
अमृतसर, 21 मई( राजन गुप्ता): डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने कहा कि जिला प्रशासन उन अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा जो कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूल कर लाभान्वित हो रहे हैं। गुरप्रीत सिंह खैहरा ने कहा कि अगर किसी अस्पताल या डॉक्टर ने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का शोषण किया तो जिला प्रशासन उनके खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई करेगा। सरकार के पास ऐसे अस्पतालों को बंद करने या अपने नियंत्रण में लेने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं जिसमें निजी अस्पताल सरकार द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क वसूल कर मरीजों से ठगी कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई अस्पताल ऐसा करता पाया गया तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी निजी अस्पताल किसी मरीज की मजबूरी का फायदा नहीं उठाएंगे। सरकार के पास डिफॉल्ट करने वाले अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।उन्होंने कहा कि हमारे सरकारी और निजी डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ ने इस कठिन समय में लगन से लोगों की सेवा करके एक अच्छा उदाहरण पेश किया है लेकिन व्यवस्था में कुछ लोग हैं जो स्थिति का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और लोगों को धोखा दे रहे हैं।उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग पूरे डॉक्टरी दायरे की छवि खराब कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे तत्वों को अपनी गतिविधियों को तत्काल बंद नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि राज्य और जिला स्तरीय समिति जल्द ही निजी अस्पतालों द्वारा किए गए कोविड-19 मरीजों के इलाज का विस्तृत ऑडिट करेगी। लोग स्वास्थ्य विभाग के 104 हेल्पलाइन नंबर और डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में शिकायत की जा सकती है।