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नगर निगम यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकरऑटो वर्कशॉप में किया रोष प्रदर्शन, मांगे ना मानी गई तो पूर्ण हड़ताल कर सफाई व्यवस्था ठप्प करके निगम कार्यालय बंद रखेंगे

यूनियने अपनी मांगों को लेकर इस बार कोई समझौता नहीं करेगी: आशु नाहर
मांगे ना मानी गई तो अमृतसर में हड़ताल के उपरांत पुरे पंजाब कि नगर निगमों में हड़तालो का सिलसिला शुरू करवाएंगे

नगर निगम की ऑटो वर्कशॉप में रोष प्रदर्शन करते हुए यूनियनों के पदाधिकारी

अमृतसर,24 मार्च (राजन): नगर निगम की अलग-अलग यूनियनों के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर ऑटो वर्कशॉप में रोष प्रदर्शन किया गया। रोष प्रदर्शन में यूनियनों के पदाधिकारी राजकुमार राजू, आशु नाहर, संजय खोसला, सुरेंदर टोना, अमरजीत पेड़ा , त्रिलोक गिल, नरेंद्र गोल्डी राजकल्याण,ओमप्रकाश आनार्य, दीपक गिल,हरजिंदर सिंह वालिया, सुरेंद्र सोनू,रिंकू खोसला, कुलवंत सिंह, मनीष मुन्ना, पवन कुमार पम्मा,बंटी चाचा,विक्की बाबा सिकंदर,विशाल, हैप्पी, राकेश सुख कादरी  तथा वाल्मीक समाज के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
प्रधान आशु नाहर ने कहा कि कल अपनी मांगों को लेकर मेयर व निगम कमिश्नर को72घंटो का मांग नोटिस दे दिया था।अगर उनकी मांगे ना मानी गई तो शहर में पूरी तरह से सफाई व्यवस्था ठप्प कर दी जाएगी तथा ऑटो वर्कशॉप से कोई भी गाड़ी नहीं निकलेगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम का मुख्य कार्यालय भी पूर्ण तौर पर बंद करवाया जाएगा। इसके साथ साथ प्राइवेट कंपनियों से भी निगम की सफाई,  सीवरेज व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट  व्यवस्था भी बंद करवाई जाएगी। आशु नाहर ने कहा कि निगम यूनियने पिछले 3 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर मेयर व निगम कमिश्नर को मांग पत्र दे रहे हैं किंतु यूनियनों की मांगों को दरकिनार किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि इस बार अंतिम चेतावनी दी गई है। उन्होंने कहा कि नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। ऑटो वर्कशॉप का सुधार करने  के लिए यूनियन को कह तो दिया जाता है किंतु होता कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि नगर निगम यूनियने अपनी मांगों को लेकर इस बार कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मेयर करमजीत सिंह रिंटू द्वारा शहर तथा शहर वासियों के विकास के लिए प्रतिदिन दावे तो बहुत किए जाते हैं किंतु वास्तव में कुछ भी नहीं है। हकीकत में शहरवासी मेयर के विकास के दावों का प्रतिदिन मजाक उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि जो नगर निगम के मुलाजिमों की बेहतरी नहीं कर सकते वह शहर के विकास लिए क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि नगर निगम का पुराना प्रोविडेंट फंड (पीएफ)घोटाला अभी तक सामने नहीं आया और ना ही मुलाजिमों के खाते में पीएफ डल रहा है। कोविड-19 मे लॉकडाउन के दौरान स्प्रे करने के लिए रखे गए 46 मुलाजिमों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उन वाल्मीकि समाज के लोगों को नौकरी से निकालने नहीं देंगे। सफाई मजदूर यूनियन के प्रधान संजय खोसला ने कहा कि नगर निगम की बेहतरी के लिए उनकी यूनियन द्वारा सदैव मेयर तथा निगम कमिश्नर का सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि सफाई सेवकों का शोषण हो रहा है, इसके बारे में मेयर तथा निगम कमिश्नर को बताया जाता है किंतु कोई कार्रवाई नहीं नहीं हो रही है। एक सेनेटरी  इंस्पेक्टर द्वारा सफाई  सेवक से एक  लाख रुपया रिश्वत ली है। उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।  सफाई सेवकों तथा  सेनेटरी सुपरवाइजर को डरा धमका कर क्षेत्र बदल दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम में पिछले लंबे अरसे से  800 सफाई सेवकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। यूनियन की बार-बार मांग करने के बावजूद इन पदों को भरा नहीं जा रहा।  सफाई सेवकों को प्रत्येक महीने के पहले सप्ताह में वेतन जारी होना चाहिए। भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाईया करवाएंगे। रोष प्रदर्शन में यूनियन नेता राजकुमार राजू, नरेंद्र गोल्डी, सुरेंद्र टोना तथा अन्य ने भी निगम मुलाजिमों को लेकर हो रहे शोषण पर अपने विचार रखें वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधि ओमप्रकाश अनार्य ने भी वाल्मीक समाज के प्रति  नगर निगम के अड़ीयल रवेईया पर अपने विचार रखे। समूह यूनियनों के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगे ना मानी गई तो पहले अमृतसर में पूर्ण हड़ताल के उपरांत समूचे पंजाब की नगर निगमों  में हड़तालो का सिलसिला जारी करवाएंगे।

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